भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अब किसी भी फूड या ड्रिंक प्रोडक्ट पर “ORS” (Oral Rehydration Solution) लिखने पर रोक लगा दी है, जब तक कि उसे WHO की मंजूरी न मिली हो।
हैदराबाद की डॉ. शिवरंजनी संतोष, जो बच्चों की विशेषज्ञ हैं, ने इस भ्रामक प्रचार के खिलाफ 8 साल लंबी लड़ाई लड़ी। कंपनियां मीठे बच्चों के ड्रिंक्स को ORS बताकर बेच रही थीं, जबकि उनमें शुगर की मात्रा अत्यधिक थी, जिससे डायरिया की स्थिति और बिगड़ सकती थी।
अब यह आदेश आने के बाद ऐसी गुमराह करने वाली मार्केटिंग पर रोक लग गई है।
