इतिहासकार राजमोहन गांधी की पुस्तक में सरदार वल्लभभाई पटेल के कश्मीर पर रुख का उल्लेख किया गया है। उनके अनुसार, शुरुआत में पटेल कश्मीर पर कोई विशेष राय नहीं रखते थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने हिंदू बहुल जूनागढ़ को अपने में मिलाने की कोशिश की, तो पटेल का रुख बदल गया। उन्होंने कहा था— “यदि जिन्ना जूनागढ़ जैसे हिंदू बहुल राज्य को शामिल कर सकते हैं, तो हम कश्मीर को भारत में क्यों नहीं मिला सकते, जहां शासक हिंदू है।”
सरदार पटेल ने कहा था— “जिन्ना अगरजूनागढ़ ले सकते हैं, तो हम कश्मीर क्यों नहीं”
