भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने केंद्र सरकार के लिए अर्थोपाय अग्रिम (Ways and Means Advances – WMA) की सीमा ₹50,000 करोड़ निर्धारित की है। यह सीमा वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही के लिए लागू होगी।
डब्ल्यूएमए आरबीआई द्वारा केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाने वाली अल्पकालिक ऋण सुविधा है, जो अस्थायी नकदी की कमी को पूरा करने में मदद करती है। यह सीमा आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच विचार-विमर्श के बाद तय की गई है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि डब्ल्यूएमए सीमा का 75% उपयोग हो जाने पर वह नए सिरे से बाज़ार से उधार लेना शुरू कर सकता है। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर सरकार और आरबीआई इस सीमा में संशोधन भी कर सकते हैं, जो आर्थिक या राजकोषीय परिस्थितियों के अनुसार होगा।
डब्ल्यूएमए पर ब्याज दर वर्तमान रेपो दर के बराबर होगी, जबकि यदि सरकार निर्धारित सीमा से अधिक उधार लेती है, तो ओवरड्राफ्ट दर रेपो दर से 2% अधिक लागू होगी। यह कदम अल्पकालिक तरलता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की दिशा में आरबीआई का एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।