आपदा के कहर और मौसम की तमाम दुश्वारियों के बावजूद इस वर्ष केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। अब तक 16 लाख 56 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। बीते वर्ष 2024 में कुल 16 लाख 52 हजार 76 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार यात्रा के समापन में अभी 14 दिन शेष हैं, ऐसे में संख्या साढ़े 17 लाख के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है।
इस वर्ष 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले थे। कपाट खुलने के दिन ही 30,154 शिवभक्तों ने दर्शन कर रिकॉर्ड कायम किया था। पहले दिन से ही देश-विदेश से आने वाले यात्रियों का उत्साह चरम पर रहा। पैदल मार्ग से लेकर हवाई मार्ग तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर समिति को भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर को 22 घंटे तक खुला रखना पड़ा, जिसमें करीब 16 घंटे तक दर्शन कराए गए।
जून में खराब मौसम और हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसी घटनाओं के बावजूद यात्रियों का जोश कम नहीं हुआ। हालांकि बरसात के दौरान गौरीकुंड हाईवे पर लगातार बाधाएं आने से कई बार यात्रा को रोकना पड़ा। अगस्त माह में केवल 31 हजार श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंच पाए। लेकिन 15 सितंबर से मानसून की रफ्तार थमने के बाद यात्रा के दूसरे चरण में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई।
अक्तूबर के शुरुआती आठ दिनों में ही 59,754 यात्री धाम पहुंच चुके हैं। इस बीच तीन दिन से लगातार हो रही बर्फबारी के बावजूद बाबा केदार के भक्तों का उत्साह चरम पर है।
केदारनाथ में मौजूद बीकेटीसी के सदस्य डॉ. विनीत पोस्ती ने बताया कि खराब मौसम के बावजूद धाम में यात्रियों की संख्या संतोषजनक बनी हुई है। कपाट 23 अक्तूबर को भैयादूज के दिन परंपरानुसार बंद होंगे। अनुमान है कि तब तक श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े 17 लाख तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रियों के भोजन और रात्रि प्रवास की व्यवस्थाएं पूरी तरह सुचारू हैं।
एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि जुलाई-अगस्त में कुछ दिनों को छोड़ यात्रा निर्बाध रूप से चलती रही और प्रतिदिन श्रद्धालु नियमित रूप से बाबा केदार के दर्शन करते रहे।