विजयादशमी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि “जैसा आपको देश चाहिए, वैसा आपको होना पड़ेगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ भाषण देने से परिवर्तन नहीं आएगा, बल्कि बदलाव के लिए जीवन में उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। भागवत ने कहा कि समाज को अपना मानकर चलने वाला नेतृत्व ही देश के लिए आदर्श हो सकता है।
संघ प्रमुख ने बताया कि संघ के अनुभव के अनुसार –
व्यक्ति निर्माण से समाज परिवर्तन होता है,
और समाज परिवर्तन से ही व्यवस्था परिवर्तन संभव है।