त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी आवंटन को लेकर अब सियासी स्वर भी मुखर हो गए हैं।
पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर का कहना है कि बड़ी प्रशासनिक चूक यह रही कि मतदान ड्यूटी की गोपनीय सूची मतदान से एक सप्ताह पहले ही सार्वजनिक हो गई। जबकि निर्वाचन नियमों के अनुसार, मतदान कर्मियों की तैनाती की जानकारी उन्हें सिर्फ एक दिन पहले दी जाती है ताकि निष्पक्षता और गोपनीयता बनी रहे।
महर ने आशंका जताई कि जब ड्यूटी सूची पहले से सार्वजनिक हो चुकी है तो सत्ता पक्ष के लोग अपने समर्थित प्रत्याशियों को जिताने के लिए मतदान कर्मियों से साठ-गांठ कर सकते हैं। यह स्थिति लोकतंत्र की हत्या जैसी है।
उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि मतदाता कार्मिकों की सूची आखिर कैसे वायरल हुई, इसका खुलासा होना जरूरी है।
मयूख महर ने स्पष्ट कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन इस बार की तैयारी और कार्यप्रणाली ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।