भारत ने स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश की पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक “Nafithromycin” को Wockhardt Limited ने विकसित किया है। इस परियोजना में Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
Nafithromycin को विशेष रूप से निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमणों के इलाज के लिए तैयार किया गया है — खासकर उन मामलों में, जहाँ बैक्टीरिया ने पारंपरिक एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) विकसित कर लिया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह दवा Ketolide श्रेणी से संबंधित है, जिसे Macrolide एंटीबायोटिक्स की अगली पीढ़ी माना जा रहा है। इसका निर्माण भारत की फार्मास्यूटिकल स्वनिर्भरता (Pharma Self-Reliance) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि Nafithromycin भविष्य में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस के बढ़ते खतरे से निपटने में एक प्रभावी हथियार साबित हो सकती है।
