मुख्य विकास अधिकारी पिथौरागढ़ डॉ. दीपक सैनी ने प्रोजेक्ट–21 के दूसरे चरण के तहत अब तक कुल 16 अंतरराष्ट्रीय और पाँच आंतरिक दर्रों की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने 1905 में लांग स्टाफ द्वारा बनाए गए 11 दर्रों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
डॉ. सैनी ने बताया कि प्रोजेक्ट–21 का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना, नए पर्यटन स्थलों की पहचान करना, स्थानीय ग्रामीणों की आजीविका को सशक्त करना और सेना–प्रशासन के मध्य समन्वय को मजबूत करना है। उन्होंने जौहार, व्यास और दारमा घाटियों के विभिन्न दर्रों—उंटा धूरा, जयंती धुरा, किंगरी बिगरी, लिपुलेख, ओल्ड लिपुलेख, लंपिया धुरा, मंगशा धुरा, सिन्ला पास, नुवे धुरा व लुवे धुरा—की कठिन चढ़ाइयाँ पूरी कीं।
लगभग 250 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान –3 से –6 डिग्री तापमान, बर्फीले तूफानों और संकरे रास्तों जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने भारतीय सेना और आईटीबीपी के सहयोग से यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की।
उन्होंने भविष्य की योजनाओं में परी ताल (5200 मीटर) को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, सीमांत गाँवों में आजीविका के नए साधन खोलने और सड़क संपर्क को तेजी से आगे बढ़ाने की जानकारी दी। अक्टूबर 2025 में वे भारत–तिब्बत–नेपाल की त्रिकोणीय सीमा पर स्थित अंतरराष्ट्रीय दर्रे की चढ़ाई करेंगे, जबकि तीसरे चरण में उत्तरकाशी के चार अंतरराष्ट्रीय दर्रे पार करने की योजना है।
डॉ. सैनी ने उत्तराखंड सरकार, पर्यटन विभाग, सेना और आईटीबीपी के अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार जताया।