हिमाचल प्रदेश स्थित शीत मरुस्थल जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (CDBR) को यूनेस्को ने विश्व जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र नेटवर्क (WNBR) में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही, भारत के कुल 13 जैवमंडल क्षेत्र अब इस वैश्विक नेटवर्क में सूचीबद्ध हो गए हैं।
शीत मरुस्थल को 25 अन्य देशों के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के साथ मान्यता मिली है। यह कदम मानव और जैवमंडल कार्यक्रम (Man and the Biosphere Programme – MAB) के तहत उठाया गया है। यह कार्यक्रम यूनेस्को का एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पहल है, जिसकी शुरुआत 1971 में हुई थी।
एमएबी का मुख्य उद्देश्य मानव और पर्यावरण के बीच संबंधों को वैज्ञानिक और स्थायी आधार पर मजबूत करना है। इस मान्यता से हिमाचल का शीत मरुस्थल क्षेत्र वैश्विक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर चुका है।