धारचूला- तिब्बत सीमा से सटे हिमालयी तीर्थ स्थल आदि कैलाश पर्वत के सामने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष का भव्य एवं चुनौतीपूर्ण एकत्रीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
व्यास घाटी के स्थानीय स्वयंसेवकों ने पार्वती ताल के समीप बने प्रांगण में भगवा ध्वज फहराया, संघ प्रार्थना की और “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ मां भारती और आराध्य भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
करीब 5945 मीटर ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और हालिया हिमपात के बावजूद यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
व्यास घाटी, जो 15 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वही स्थान है जहां व्यास ऋषि ने वेदों की रचना की थी। समीप स्थित कुटी गांव का नाम पांडवों की माता कुंती के नाम पर पड़ा है।
संघ के सह प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर जी ने बताया कि संघ शताब्दी वर्ष में राष्ट्र के प्रथम गांवों के साथ-साथ पौराणिक तीर्थ स्थलों और सनातन केंद्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आदि कैलाश के सम्मुख हुआ यह आयोजन न केवल भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण रहा, बल्कि श्रद्धा, संगठन और देशभक्ति की अद्भुत मिसाल भी बना।