आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है। बापू ने अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने में ऐतिहासिक योगदान दिया।
गांधी जी न कभी सत्ता के लालची रहे, न ही व्यापार और धंधे से उनका कोई सरोकार रहा। उन्होंने जीवनभर शोषण और अन्याय का विरोध किया तथा धर्म, जाति, रंग और लिंग भेद जैसी संकीर्णताओं को सख्ती से नकारा।
उनकी कथनी और करनी में सदैव एकरूपता रही। उन्होंने हर संघर्ष में अहिंसा का मार्ग चुना और यही संदेश उन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को दिया।