हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली देवठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी का धार्मिक महत्व अत्यंत विशेष है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं, जिससे चातुर्मास का समापन होता है और विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे सभी शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
भक्तजन इस अवसर पर व्रत रखते हैं, विष्णु भगवान की विशेष पूजा-अर्चना, भजन और स्तोत्र पाठ करते हैं। कई स्थानों पर तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है, जिसे कन्यादान के समान पुण्यदायक माना गया है। श्रद्धालु इस दिन दान-पुण्य कर मनोकामना पूर्ति और भाग्य वृद्धि की कामना करते हैं।
देवठनी एकादशी को धार्मिक जागरण, शुभ आरंभ और समाजिक उल्लास का प्रतीक माना जाता है।
