देवभूमि उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज की समस्या पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और प्रहार किया है। सीएम धामी ने गृह विभाग को पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए आधुनिक तकनीक का सहारा लेने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने गृह सचिव शैलेश बगौली को निर्देश दिए हैं कि राज्य में काम करने आए बाहरी लोगों का सत्यापन कड़ा और तेज़ हो। स्थानीय पुलिस की सुविधा के लिए गृह विभाग व आईटी विभाग मिलकर एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार कर रहे हैं जिससे पुलिस के लिए सत्यापन आसान होगा और एक केंद्रीकृत डेटा बेस भी बनेगा।
अब तक सत्यापन का रिकॉर्ड केवल थाना-चौकियों के रजिस्टरों तक सीमित था, लेकिन जल्द ही इसे डिजिटाइज किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ऐप का ट्रायल चल रहा है और इसी माह के अंत तक इसे लागू कर दिया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय का कहना है कि हाल ही में देहरादून और हरिद्वार में चले अभियानों में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों और घुसपैठियों का मामला सामने आया है। कुमाऊं मंडल की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि तकनीक की मदद से सत्यापन की चुनौतियों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
सीएम धामी ने कहा, “हमारी सरकार देवभूमि की संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए वचनबद्ध है। बाहरी लोगों का सत्यापन अनिवार्य है, लेकिन इसमें लंबा वक्त न लगे इसलिए गृह विभाग को ऐप आधारित व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।”