उत्तराखंड के श्री बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान का स्वरूप अब स्पष्ट दिखने लगा है। काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल, अयोध्या राम मंदिर और बाबा केदारनाथ धाम के पुनर्विकास की तर्ज पर बद्रीनाथ तीर्थनगरी को भी आधुनिक और आध्यात्मिक रूप से सुसज्जित किया जा रहा है। 481 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
मास्टर प्लान के तहत मंदिर परिसर का पुनर्गठन, अलकनंदा नदी पर आकर्षक रिवरफ्रंट, जाम से राहत के उपाय, सड़क–पैदल मार्ग सुधार, पार्क, स्वच्छता व बिजली–पानी जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। पर्यावरणीय संवेदनशीलता, भूकंपीय सुरक्षा और भवन निर्माण नियमों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
परियोजना का लक्ष्य बद्रीनाथ को अगले 50 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एक स्मार्ट, सुरक्षित और सुव्यवस्थित तीर्थस्थल के रूप में विकसित करना है। बाज़ार व्यवस्था सुधारने से लेकर तीर्थयात्रियों के लिए ठहरने की बेहतर सुविधाएँ तक—सभी कार्य तीन चरणों में पूरे किए जा रहे हैं। रेल परियोजना के कर्णप्रयाग तक पहुँचने के बाद संभावित यात्री वृद्धि को देखते हुए सुविधाओं का विस्तार भी तेज़ी से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं बद्री–केदार विकास पर विशेष ध्यान देते हैं और पीएमओ लगातार परियोजना की निगरानी करता है। वे स्वयं, मुख्य सचिव और गढ़वाल आयुक्त समय-समय पर स्थल निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन कर रहे हैं तथा स्थानीय लोगों से निरंतर संवाद कर रहे हैं।
